बहुत वक्त है
तू कहता है
तुझे तेरा आखिरी दिन
दिखाई नहीं देता
पर मुझे देता है
मुझे तेरी आखिरी साँस
सुनाई देती है
आखिरी बार पलक झपकती
दिखाई देती है
और तू कहता है कि
वक्त बहुत है
तुझे अभी मजाक लगता है
मौत का सुनके
पर मैं तो तेरा
अन्त होते देख चुकी हूँ
मरने का डर
तेरी आँखों में देख चुकी हूँ
दूर तो बस तुझे लगता है
मुझे तो वो दिन
कल ही नजर आता है
उस दिन
तुझे पता होगा
कि तेरा वजूद मिट रहा है
तेरा प्राण
तेरी आखिरी आवाज बन कर
तेरे होठों से निकल रहा है
मुझे तेरी आह सुनाई देती है
आज तो बस
संगीत की झनझनाहट तेरे कानों में है
पर मुझे तेरे आखिरी दिन
तेरे कानों में पड़ती
तेरे अपनों के
रोने की आवाज सुनाई देती है
दिख रहा है मुझे
तेरा हाथ उठता हुआ
मदद माँगता हुआ
तेरा हाथ अपनों की तरफ बढ़ता हुआ
दिखाई देता है
तू कहता है कि
रोक लो
मत जाने दो
हाथ पकड़ लो
तू कहता है
पर बात तो ये है कि
तू कहीं नहीं जा रहा
वहीं है
बस तेरा कुछ तुझसे दूर जा रहा है
तुझे बेजान बना कर
किसी और को जान देने
तू पड़ा है वहीं
लेटा है बेजान
बस आखिरी आवाज
तेरे अपनो के रोने की
वो भी मिट जायेगी
बस कुछ और पल में
तुझे लगता है अभी वक्त है
ऐसा होने में
होगा शायद
पर मुझे दिखाई दे रहा है
सब होता हुआ
एक रोज
शायद कल
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Long poem but not boring